नीम को डेली खाने से कभी फीवर नहीं आएगा. नीम एक बहुत ही अच्छा एंटीबायोटिक्स है. नीम को पिम्पल एंड ब्लड पूरीफिकेशन के लिए बहुत प्रयोग किया जाता है. नीम से बॉडी का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है नीम से पेट का दर्द भी बंद हो जाता है अब चलिए डिटेल में नीम के बेनिफिट्स के बारे में जानते हैं.
खासी और दमा में:
नीम के फायदे क्या हैं (घरेलु नुस्खे):
अगर किसी को खासी है या दमे की भी शिकायत है तो दिया गया उपचार दोनों में ही सामान रूप से फायदा करता है. नीम के आयल की १० बूँद या ड्रॉप्स पान के पत्ते में लगा कर खाये. आपको फायदा होगा.
ये भी पढ़ें:
अगर आपको रेशेस, खुजली, दाद, खाज अक्सर हो जाता है तो नीम के ४०० ग्राम पत्ते २ लिटिर पानी मे उबाले और ठंडा हो जाने पर नहाने के पानी में मिक्स करके नहा ले, चर्म रोग में बहुत फायदा करेगा. अगर चरम रोग नहीं है तो भी अगर इससे नहाया जाये तो कभी चरम रोग नहीं होगा.
पायरिया लग जाने पर:
अगर दातो में पायरिया रोग लग गया है तो तुरंत इसके बारे में सोचे. अगर नीम के तेल की मालिश मसूड़ों और दांतो पर की जाये तो पायरिया ख़तम हो जायेगा.
पिम्पल एंड फेयर स्किन के लिए:
आपकी स्किन का कलर कितना भी साफ़ क्यों न हो अगर उस पर कील और मुहासे हैं तो आपका फेस दिखने मे सुन्दर नहीं लगेगा. अच्छा बेदाग चेहरा पाने के लिए नीम की पत्तियों को जला ले और इसकी राख बना ले अब इस राख को वेसिलीन में मिक्स करके रात को साइट टाइम लगाए. कील और मुहासे ख़तम हो जायेंगे.
पेट के कीड़े जेब लिए नीम:
पेट में कीड़े हो जाना आम बात है अक्सर हमें इसका इलाज करते रखना चाहिए क्यों की इनके आने का पता नहीं चक्र. आज के टाइम में सब्जियों से कीड़े हमारे पेट में चले जाते हैं. इस लिए सब्जियों को अच्छे से शोने के बाद गरम पानी से साफ़ करे.अगर पेट में कीड़े हो गए हैं तो एक स्पून नीम का आयल एक दिन छोड़कर पिलाये. नीम आयल से सारे कीड़े मॉल के रस्ते से बहार निकल जायेंगे.
पेट के दर्द में:
पेट के दर्द में भी नीम काम आता है १० ग्राम नीम के बीज १० ग्राम तुलसी की पत्तिया १० ग्राम सोंठ १० दाने काली मिर्च के मिलकर पीस ले और रोगी को ३ बार चटाये. पेट का दर्द ख़तम हो जायेगा.
सर में जू हो जाने पर:
बच्चो के सर में अक्सर जो हो जाये हैं. सर की सफाई अगर अच्छे से न की जाये तो जो किसी को भी हो सकते हैं. नीम के आयल को नहाने के २० मिनट पहले लगा ले. और फिर कंघी या कोंब से जू निकाल दे. जो कि मरे हुए निकलेंगे या कुछ बेहोश हो जायेंगे|
स्वेत प्रदर के रोग में नीम:
प्रदर को स्वेत प्रदर या सफ़ेद पानी का रोग भी कहा जाता है ,स्वेत प्रदर में नीम के टेल को काऊ मिल्क में मिलाकर पिए प्रदर में लाभ मिलेगा.
कंठ माला के रोग में:
कंठ माला के रोग में नीम के आयल को कंठ माला पर लगाने से अच्छा लाभ होता है.
ब्लड पूरीफिकेशन में:
अगर खून साफ़ नहीं है तो अक्सर फोड़े और फुंसिया निकलती रहती है , चहरे पर बार बार पिम्पले आना भी ब्लड में खराबी का कारण होता है. नीम के आयल की 5 बूँद रोजाना ३० से ४५ दिन लेंने से फोड़े फुंसिया निकलना बंद हो जाएँगी और साथ ही चेहरे पे एक चमक आ जाएगी.
तो आज आपने जाना नीम के फायदे क्या होते हैं| हमसे जुड़ने के लिए आप हमारे news letter को subscribe कर सकते हैं. जिससे की हम आपको ईमेल से नए आर्टिकल भेजते रहेंगे.
आपको हमारे आर्टिकल कैसे लगते हैं हमें ज़रूर बताये और आर्टिकल को पढ़ने के बाद शेयर
ज़रूर करे. क्यों की इससे किसी की हेल्प हो सकती है. और आप जानते ही हैं मदद करना
एक अदभुद अहसास है तो इसी के साथ मैं चलता हूँ और नेक्स्ट आर्टिकल में मिलते हैं स्वस्थ रहे समृद्ध रहे|
This post have 2 comments
Neem ke patto ka paste kese bnae skin pe fayda pane k liye...
ReplyNeem ke patto ka paste banane ke liye aap 10 patto ko sil par ya kisi saaf patthar par pees le. fir isme 2 table sppon besan, 1/2 spoon shahad daal kar paste banaye.
Replyya aap pise patto ko multani milli aur gulab jal ke saath paste banaye.
EmoticonEmoticon